1 वे प्लास्टिक जो ऊष्मा के संपर्क में आने से पिघल जाते हैं उन्हें थर्मोप्लास्टिक कहा जाता है। इस तरह के प्लास्टिक को ठंडा करने पर यह वापस कठोर रूप ले लेते हैं।
2 वे प्लास्टिक जो उष्मा के संपर्क में आने के बावजूद कोमल रूप नहीं लेते वे थर्मोसेटिंग पॉलीमर कहलाते हैं।
3 पॉलिथीन, बच्चों के खिलौने, पीवीसी आदि थर्मोप्लास्टिक से बनाए जाते हैं जबकि बर्तन के हैंडल, बिजली के स्विच, प्लग आदि थर्मोसेटिंग प्लास्टिक से बनाए जाते हैं।
4 बर्तनों के हैंडल को थर्मोसेटिंग प्लास्टिक से इसलिए बनाया जाता है क्योंकि यह उष्मा के कुचालक होते हैं। यही वजह है कि खाना गर्म करने का पतीला गर्म होने के बावजूद इसका हैंडल गर्म नहीं होता।
5 बिजली के उपकरणों को थर्मोसेटिंग प्लास्टिक से बनाए जाने के पीछे का मुख्य कारण यह है कि यह प्लास्टिक विद्युत का कुचालक होता है जिस वजह से इससे शार्ट सर्किट और करंट लगने की संभावनाएं कम हो जाती है।
6 थर्मोसेटिंग प्लास्टिक को पुनः चक्रित नहीं किया जा सकता है जिस वजह से यह पर्यावरण के लिए हानिकारक साबित होते हैं, जबकि थर्मोप्लास्टिक को फिर से इस्तेमाल किया जा सकता है क्योंकि यह पिघलकर वापस किसी भी सांचे में ढल जाते हैं।
7 थर्मोप्लास्टिक से नायलॉन का रेशा बनाया जाता है जिसका इस्तेमाल पैराशूट और पर्वतारोहण के लिए इस्तेमाल की जाने वाली रस्सी को बनाने में किया जाता है। नायलॉन की रस्सियां मजबूत होती है।
8 थर्मोप्लास्टिक आसानी से मोड़ा जा सकता है लेकिन जब थर्मोसेटिंग पॉलीमर को मोड़ा जाता है तो यह टूट जाते हैं।
9 थर्मोप्लास्टिक का आणविक भार थर्मोसेटिंग पॉलीमर से कम होता है।
10 थर्मोप्लास्टिक, थर्मोसेटिंग पॉलीमर के मुकाबले कमजोर होता है।