1 लेन-देन के रिकॉर्ड को बिल कहा जाता है। वही जब किसी प्रोडक्ट को शिपिंग के जरिए आप तक पहुंचाया जाता है तो उसका रिकॉर्ड इनवॉइस कहलाता है।

2 बिल ऑफलाइन खरीद के दौरान दिए जाते हैं जबकि इनवॉइस ऑनलाइन खरीद में दी जाती है।

3 बिल ग्राहक को वेंडर द्वारा दिया जाता है जबकि इनवॉइस डिलीवरीमैन द्वारा दिया जाता है।

4 बिल में कीमत, करो का तो उल्लेख होता है लेकिन इसमें घर का पता नहीं होता। लेकिन इनवॉइस में घर का पता दिया जाता है।

5 बिल तत्काल भुगतान का अनुरोध करता है जबकि इनवॉइस ऐसा नहीं करता।

 

6 अक्सर बिल उत्पाद की खरीद के बाद में दिए जाते हैं जबकि इनवॉइस खरीद से पहले या बाद में दिए जा सकते हैं।

7 बिल में ग्राहक का नाम, मोबाइल नंबर, तारीख व सामान के बारे में जानकारी होती है। इनवॉइस में कस्टमर आईडी तथा उत्पाद की शिपिंग कहां से की जा रही है इस बारे में भी लिखा होता है।

8 बिल लेनदेन के लिए प्रयोग किया जाता है जबकि इनवॉइस क्रेडिट पर की गई बिक्री के लिए प्रयोग किया जाता है।

9 किसी भी समान की वापसी में बिल प्रमाण पत्र के रूप में काम करता है जबकि इनवॉइस वापसी में ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका नहीं निभाता।

10 बिल कई जगहों जैसे कार सेवा फर्मों, क्रेडिट कार्ड कंपनी, दुकानों, रेस्तरां द्वारा दिया जाता है जबकि इनवॉइस फ्लिपकार्ट, अमेज़न जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से दिया जाता है।

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