Ya Wadoodo Mohabbat ka Wazifa
Ya Wadoodo Mohabbat ka Wazifa

 

मोहब्बत खुदा की दी हुए नेमत है, इसलिए आज हम आपको मोहब्बत की शादी का या वादूदू वजीफा और शोहर की मोहब्बत पाने का या वादूदू वजीफा बता रहे है. इसे पसंद की शादी का या वादूदू वजीफा भी कहा जाता है

यह वजीफा मोहब्बत के लिए बहुतहीमुजरिफऔर बेहतरीन वजीफा है।अल्लाह ताला का यह शिफाती नाम यावादूदू है जिसके मायने हैं दोस्ती करने वाले।वजीफेमें अल्लाह के इस नाम से कामयाबी होगी।वजीफे को करते हुए इन बातों का ख्याल रखना है।

वजीफे को नापाकी हालत में बिल्कुल भी नहीं करें।क्योंकि इसको नापाकी हालतमें करने से आपको गुनाह मिलेगा और वजीफा भी काम नहीं करेगा।दूसरी बात हर वजीफेमें अल्लाह को राजी करना बहुत ही ज्यादा जरूरी होता है। बिना अल्लाह को राजी करे कोई भी वजीफा करने का कोई भी मतलब नहीं बनता है।

अब बात यह है कि आप को कैसे पता चलेगा।कि अल्लाह राजी हैं हम आपको कुछ जरूरीबातें बताते हैं।जिससे अल्लाह रब्बुल इज्जत इंशाल्लाह जरूर राजी होंगे।आपको करना यह है किआपको अपनी हैसियत के मुताबिक आपको किसी मस्जिद किसी मदरसे में कुछ जकात रकम की देना है।

वजीफे को वही लोग करें।जो निकाह का मकसद रखते हैं ना कि नाजायज रिश्तो के लिए करें। इस वजीफे से आपके रिश्ते में आने वाली सभी रुकावटें दूर हो जाएगी। लड़का या लड़की दोनों में से कोई भी इस को वजीफे कर सकते हैं। वजीफा करने से पहले अल्लाह रब्बुल इज्जत पर अपना पक्का यकीन जरूर रखिए।

क्योंकि बिना यकीन के यह वजीफे जाया हो जाएगा।शक की कोई गुंजाइश ना हो।बाद नमाज फजर बाद नमाज़ इशा के इन दोनों वक्तमेंइसवजीफे को करना है।वजीफे की मुद्दत 3 दिन तक की है।11/11 बार दरूदे इब्राहिम 300बारयावादूदूपढ़ना है।

इस वजीफे को आप कभी भी किसी भी दिन से शुरू कर सकते हैं।चांद की किसी भी तारीख से आप करना चाहे तो इस वजीफे को बेशर्त कर सकते हैं।वजीफा बहुत ही पावरफुल है।

इस वजीफे को करने के लिएअर्केगुलाब की जरूरत पड़ेगी।इसको करने के लिए आरके गुलाब पर या वादूदू दो का अमल करना है और पीना है।वजीफे को करने के लिए आपको अपने नाम के अदत निकालने होंगे।अगर आपको अदत निकालने नहीं आते हैं।

तो नामों की तख्ती के जरिए नाम का अदत निकाल ले।4 नाम के अदत निकालने हैं। सबसे पहले अपना और अपने वालदाकाफिर जिसकि मोहब्बत आप को पाना है उसका और उसकी मां का नामचारदत आपको निकालने और उस अदात की तादाद को कहीं लिखले।

इस वजीफे को आपको नमाज के बाद और दुआ से पहले 11 बार दरुद पढ़ने के बाद अल्लाह ताला का याशिफाती नामपढ़ना है।यहांमोहब्बत की अलामत है और जो आपनेअदात निकाली हो उस हिसाब से आप इस नाम कीतिलावत करना है।

मान लीजिए अगर जैसे चारों नामों की अदात 700 है।तो आप को कम ज्यादा नहीं पढ़ना है मुक्तसर पढ़ना है।11 बार दरूद शरीफ पढ़ें आखिर में।फिर अपने मकसद के लिए अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त कीबारगाह इलाही में दुआ करें।

यकीन रखें कीअल्लाह के नाम से आपको इंशाल्लाह कामयाबी जरूर हासिल होगी।11 दिन इस वजीफे को बिना नागा करें कायम रखें।महबूब आपके पास खुद चलकर आ जाएगा।उसके दिल में आपके लिए रूहानियत की तरफ से मोहब्बत पैदा हो जाएगी।

हरबीबीअपनेशोहर की मोहब्बत पाना चाहती हैं।लेकिन शोहर कभी-कभी अपने काम में मज़गूल होने की वजह से आपपर तवज्जो नहीं देते। इसी वजह से काफी बीवियां परेशान रहती हैं।कभी-कभी शौहर ना चाहते हुए भी दिक्कतों और मुसीबतों से घिरे रहते हैं।

जिंदगी जीने के लिए हमें कई तरह की मुसीबतों को झेलना पड़ता है। लेकिन हम आप मुसीबतों की वजह से अपनी खुशियों को नहीं खो सकते और ना ही हमें खोना चाहिए।इस वजीफे की इजाजत सभी को है।सभी आम और खास इस वजीफे को कर सकते हैं बिना किसी शर्त के।

या वादूदू केइस बा बरकत नाम से आपअपनी हर तरह की परेशानियों से निजात पा सकते हैं।इस बा बरकत नाम की रहमत से ईशाअल्लाह अल्लाहरब्बुल इज्जत आपकी हर परेशानियों को भी आसान कर देता है।शोहरकीमोहब्बतपाने के लिए आपको इस अमल को रोजाना कायम करना होगा।

इंशाल्लाह इस की बरकत आप खुद देखिए।इस अमल को आप अपनी जिंदगी का ममुल बना ले।बेहद ही आसान और बहुत तेज काम करने वाला मुजरिम अमल है। करना यह है कि रोजाना आपको 1000 मर्तबा है यावादूदू का विर्ध करना है।किसी खाने पीने की चीज में दम कर।अपने शौहर के साथ खाना है।

इससे मियां बीवी के रिश्तों में धीरे-धीरे मोहब्बत पैदा होती रहेगी।किसी भी अमलकोकरने से पहले कुछ सदका जरूर निकाल दें।और फिर अमल करें इंशाल्लाह आपके तरफ कामयाबीचलकर आएगी।अमल के दरमियान क़ुरआनशरीफ की तिलावत और नमाज की पाबंदी करें।

लड़की का सपना होता है। कि वह उस लड़के से शादी करेजिसे वह पसंद करती है।अपनी जिंदगी में शामिल करना चाहती हैं।अपनी जिंदगी से जुड़ा हर छोटा बड़ा सपना देखती है।अपना हमसफर पसंद कर लेती हैं।

लेकिन अपनी पसंद की शादी करने के लिए घर वालों को बोल नहीं पाती।लेकिन वह दिल से अपनी जिंदगी में शामिल करना चाहती है।किसी भी वजीफे करने के लिए आपको कुछ चीजों से परहेज करना होता है।लेकिन इस वजीफे में आपकोकिसीचीज का कोई परहेज नहीं करना है।

शर्त बस यह है कि आपको पांच वक्त का खास खास तौर पर ख्याल रखना होगा।कुरान ए मजीद की रोजाना तिलावत करनी चाहिए।कुरान शरीफ पढ़ने से घर में फरिश्ते आते हैं।अल्लाह रब्बुल इज्जत की रहमत होती है बरकत से घर मालामाल हो जाता है।फजीलत का सिलसिला शुरू हो जाता है।

यह वजीफा आसानी तौर से आप कर सकते हैं साफ-पाक जहां का खास ख्याल रखें।लिबास का आपको खासतौर पर ख्याल रखना चाहिए।जब तक आप इस वजीफेको करें।तब तक कोशिश करें।कि आप से कोई गुन्हानाही।

आप नेकी के रास्ते पर चलते रहें।आपको अव्वल आखिर11/11 बार दरूदे इब्राहिम पढ़ना है।अगर दरूदे इब्राहिम याद नाहोतो आप सल्लल्लाहो ताला वसल्लम भी पढ़ सकते हैं।उसके बाद आपको 3000 मर्तबा इत्र पर यावादूदू पढ़कर दम करना है।

मोहब्बत की शादी का यहबहुत हीमुजरिफ वजीफा है।आप एक बार इसे अपने लिए जरूर करें।अल्लाह पर पक्का यकीन रखना जरूरी है।वजीफे की कामयाबी के लिए यह जरूरी है

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